लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सौंदर्या का अवतरण का चौथा भाग भाग 5, भाग-6 भाग 7 रक्षा का भारत आना ८भाग २१भ

29- दीपक ने की श्रवन से बातचीत-

सुनिए जी आप श्रवन भाई साहब से बात करना।कि उन्होंने किस डॉक्टर से अपनी पत्नी श्रेया का इलाज करवाया था। पता लगने पर मैं भी उस डॉक्टर को दिखाऊंगी। शायद श्रवन से श्रेया के डॉक्टर के बारे पता लगने पर हम उससे बात करेंगे। हो सकता है उनका हाथ लगते ही हमारा भी कुछ भला हो जाए और हमें भी एक संतान की प्राप्ति हो जाए। अगर ऐसा हो जाए तो हम उन डॉक्टर के साथ श्रेया और श्रवन का भी शुक्रिया अदा करेंगे।

इस प्रकार बात करते-करते दीपक और रानी ना जाने कब सो गए। वैसे भी उन्हें बात करते-करते बहुत रात गुजर गई थी। और जब सुबह हुई तो दोनों की आंखें नहीं खुली, क्योंकि वह दोनों बहुत लेट सोए थे। चिड़िया चहचहा रही थी। सूर्य देवता अपनी आभा बिखेर चुके थे, प्रातः काल का मनोरम दृश्य था। परंतु रानी और दीपक दोनों ही सो रहे थे। आज काफी समय हो गया सोते-सोते। और फिर दरवाजे की घंटी बजी। दरवाजे की घंटी बजने पर भड़भड़ाकर रानी और दीपक दोनों की आंख खुली। जब उन्होंने घड़ी देखी तो रानी एकदम से उठी और दरवाजे पर देखा तो दूध वाले भैया आ चुके थे। रानी ने दीपक से कहा- आज आपको ऑफिस नहीं जाना है। आज तो हम लोग इतनी देर तक सोए रह गए और अब आप ऑफिस कैसे जाएंगे। दीपक ने कहा- तुम जल्दी से चाय बनाओ। मैं फ्रेश होकर आता हूं। रानी ने दूध वाले भैया से दूध लेकर किचन में रखा,और जल्दी से चाय बनाई । तब तक दीपक तैयार होकर हॉल में आ चुका था। हाॅल में आते ही दोनों ने चाय पी।  दीपक ने कहा ठीक है कोई बात नहीं तुम बना कर खाना खा लेना। आज मैं कहीं बाहर से ही खाना खा लूंगा। दीपक ने कहा- और मैं तुरंत ऑफिस के लिए निकलता हूं ठीक है,रानीन ऑफिस पहुंच कर फोन करने को कहा। दीपक ने कहा ठीक है यह कहकर दीपक तुरंत ऑफिस के लिए निकल गया। ऑफिस पहुंचकर दीपक ने रानी को फोन करके बताया। कि वह ऑफिस पहुंच चुका है। अब रानी को चिंता लगी हुई थी। कि आज दीपक बिना कुछ खाए ऑफिस चला गया है, रानी बहुत परेशान थी अपने को धिक्कार रही थी। कि पता नहीं मुझे कैसे नींद आ गई। मेरी आंख नहीं खुली क्या हो गया था। मैं इतनी देर सो गई और खुद भूखी बैठी थी। उसे कुछ समय का होश ही नहीं था। दोपहर हो चुका था, दीपक का फिर से फोन आया दीपक ने पूछा तुमने खाना खाया‌ तब रानी को होश आया रानी ने दीपक से झूठे ही हां बोल दिया।और बात करने के बाद रानी जल्दी से नहाने गई। नहा कर आई तो उसने थोड़ा सा कुछ बनाया अपने लिए । और खाकर बोली शाम को दीपक जब आएंगे तभी खाना बनाऊंगी और खाऊंगी। आज का समय भी गुजर गया था रानी ने दीपक से पूछा आपने खाना खाया, हां मैंने खा लिया था। और मैंने खाना खा लिया है, और तुम झूठ बोल रही हो।तुमने खाना नहीं खाया है, जाओ तुम भी कुछ खा लो। रानी ने सुन कर हां कर दिया और फोन कट गया।

उधर दीपक को पता था कि रानी खाना नहीं खाएगी क्योंकि जब भी कुछ ऐसा होता, जब दीपक वगैर खाना खाए आफिस चला जाता तो रानी भी खाना नहीं खाती थी। इसलिए दीपक को बड़ी चिंता हो रही थी। शाम को दीपक थोड़ा जल्दी ऑफिस से निकला। और बाहर से खाना पैक करा कर आज घर आया। दरवाजे की घंटी बजी रानी ने दरवाजा खोला, तो देखा दीपक आज समय से पहले ही घर आ गया था। रानी खुश हो गई थी। दीपक ने कहा जल्दी से दो प्लेट और कटोरी लेकर आओ। रानी ने कहा- किस लिए दीपक बोला....... तुम लेकर तो आओ रानी किचन में गई, और दो प्लेट और कटोरी देकर आई। लाकर टेबल पर रखके  खाना निकाला और अपने हाथों से परोस दिया। सर्व करने के बाद उसने रानी से कहा- लो खाना खाओ। आज तुमने कुछ नहीं खाया है सुबह से। मुझे पता है,इसीलिए मैं आज ऑफिस से जल्दी आया हूं और तुम्हारे लिए खाना पैक करा कर लाया हूं। दीपक का इतना प्यार देखकर रानी की आंखों में आंसू आ गए। उसे लगा कि भगवान ने उसे कितना अच्छा पति दिया है।जो उसका कितना ख्याल रखता है। और यह सोचते सोचते भगवान से उसने अपने मन की इच्छा भी रख दी। कि भगवान सब कुछ अच्छा है बस एक संतान और दे दो तो हमारी यह फुलवारी पूर्ण हो जाए। हमारी यह जो बगिया है , वह महकने लगे। तो हमारी एक बात सुन लो प्रभु! तब तक रानी की आंखों में आंसू देख कर दीपक ने पूछा- क्या हुआ। रानी ने कहा- कुछ नहीं दीपक ने फिर भी पूछा।कि आखिर क्या हुआ, तुम्हारी आंखों में आंसू क्यों? रानी ने सिर्फ खाने के लिए धन्यवाद कहा- और उसे कुछ नहीं बताया। दीपक ने कहा- अच्छा बैठो चलो पहले खाना खाते हैं,, फिर बात करेंगे और दोनों ने प्रेम से बाजार से लाया हुआ खाना खाया।  खाना खाकर रानी बर्तन साफ करने चली गई। थोड़ी देर बाद दीपक बोले-रानी यार....... थोड़ी चाय पिलाओ। अब रानी उठकर चाय बनाने चली गई।

अभी रानी चाय बना ही रही थी, कि दीपक किचन में आया। उसने कहा- कि आज दिन भर क्या कर रही थी तुम। रानी ने कहा- कुछ भी नहीं बस आराम किया और कुछ नहीं किया।

चाय बन चुकी थी, रानी ने कहा-चलिए चाय पीते हैं, उसने दो कप निकाले.और दोनों में चाय छानकर हॉल की तरफ बढ़ने लगी। दीपक भी उसके पीछे-पीछे आ रहा था। दीपक ने कहा- कि चलो, चाय पीते पीते श्रवण को फोन लगाते हैं। और उससे श्रेया के डॉक्टर के बारे में बात करते हैं। यह सुनकर तो रानी बहुत खुश हो गई। दोनों हॉल में पहुंचे और चाय पीने लगे। चाय पीते पीते दीपक ने श्रवन को फोन लगाया। श्रवन की तरफ फोन की घंटी बजी। श्रवन बोला- दीपक का फोन है,यह कहकर श्रवन ने फोन उठाया। तो दोनों तरफ से हेलो हुआ..... श्रवन ने कहा- हां दीपक बताओ, क्या हुआ। कैसे फोन किया है? दीपक ने कहा ......यार..... वह बात जो उस दिन अस्पताल में अधूरी रह गई थी ।उसी बात को मुझे पूछना है। श्रेया के डॉक्टर के बारे में विस्तार से बात करनी है।श्रवन ने कहा- यह सब बातें फोन पर नहीं हो सकती हैं। आप किसी समय मेरे साथ बैठ कर बात कीजिए। तो मैं सारी चीजें आपको विस्तृत रूप से बताऊंगा, लेकिन फोन पर मैं यह बातें आपके साथ नहीं कर सकता हूं। आपके साथ मिलकर यह सारी बातें आपसे करता हूं ।इतने में श्रवन के फोन पर उसकी बहन रक्षा का फोन आने लगा।उस  समय दीपक से कहा कि यार....... मेरी बहन रक्षा का फोन आ रहा है, तो मैं तुमसे बाद में बात करता हूं, दीपक ने कहा- ठीक है और कहकर फोन रख दिया। श्रवन ने दीपक का फोन कट करके रक्षा का फोन उठाया। और बोला- हेलो...... हैलो.....।

उधर से रक्षा बोल रही थी, हैलो.....हैलो.......बोली भैया... हेलो। श्रवन ने कहा- हां रक्षा बोलो। रक्षा ने  भैया पूछा। भाभी की तबीयत अब कैसी है?  श्रवन ने कहा- हां हां श्रेया की तबीयत अब ठीक है। रक्षा ने पूछा-  हमारी नन्ही परी कैसी है?  श्रवन ने कहा- वह भी ठीक है। रक्षा बोली भैया मैं हॉस्पिटल आना चाहती हूं। तो श्रवन ने कहा- हां आ जाओ।

रक्षा को तो जैसे खुशी का खजाना मिल गया हो वह तुरंत ही तैयार होकर अस्पताल के लिए निकलने लगी। तो पिताजी ने पूछा- कि रक्षा तुम कहां जा रही हो। रक्षा ने पिताजी को बताया-  कि वह भैया भाभी से मिलने जा रही है। पिताजी ने कहा ठीक है जाओ मिलकर आओ। और हमको अस्पताल के हालचाल बताओ। मां के हालचाल भी नहीं मिले, वहां पहुंच कर मां से मेरी बात करा देना। मैंने बहुत दिन से तुम्हारी मां को न देखा है , और न ही हाल चाल पूछा। रक्षा ने कहा- ठीक है पिताजी। और वह .........

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8 Comments

fiza Tanvi

26-Sep-2022 08:56 PM

Good

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Bahut khoob 🙏🌺

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shweta soni

20-Sep-2022 12:50 AM

Very nice

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